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Monday, November 13, 2017

Ye kis hisaab se ki tu ne ...

Ye kis hisaab se ki tu ne raushni taqseem
Sitaare mujh ko mile mahtaab uska tha
~Wazir Agha

Khud charaagh ban ke jal,

Khud charaagh ban ke jal, waqt ke andhere mein
Bheek ke ujaalo’n se raushni nahin hoti
~Hastimal Hasti

धुआँ धुआँ है फ़ज़ा रौशनी.

دھواں دھواں ہے فضا روشنی بہت کم ہے
سبھی سے پیار کرو زندگی بہت کم ہے
धुआँ धुआँ है फ़ज़ा रौशनी बहुत कम है
सभी से प्यार करो ज़िंदगी बहुत कम है

◆◆ Shakeel Azmi ●●

Unka jo farz hai,

Unka jo farz hai, wo ahl-e-siyaasat jaanein
Mera paigham mohabbat hai jahan tak pahunche
~Jigar Moradabadi

Zeest se tang ho

Zeest se tang ho ai 'Dagh' to jeete kyun ho
Jaan pyaari bhi nahin jaan se jaate bhi nahin
~Dagh Dehlvi

बात चाहे बे-सलीक़ा हो...

بات چاہے بے سلیقہ ہو کلیمؔ
بات کہنے کا سلیقہ چاہئے
बात चाहे बे-सलीक़ा हो 'कलीम'
बात कहने का सलीक़ा चाहिए..
◆◆ Kaleem Aajiz

Ek kahaani khatm hui hai,

Ek kahaani khatm hui hai, ek kahaani baaqi hai
Main be-shak mismaar hoon lekin mera saani baaqi hai
~Kumar Pashi

Suhaani raat mein dilkash...

Suhaani raat mein dilkash nazaare yaad aate hain
Nahin ho tum magar wo chaand taare yaad aate hain
~Shaukat Pardesi

बे-ख़ुद भी हैं, होशियार भी हैं...

بے خود بھی ہیں ہشیار بھی ہیں دیکھنے والے
ان مست نگاہوں کی ادا اور ہی کچھ ہے
बे-ख़ुद भी हैं, होशियार भी हैं देखने वाले
इन मस्त निगाहों की अदा और ही कुछ है
#AbulKalamAzad

वफ़ाओं के बदले जफ़ा....

वफ़ाओं के बदले जफ़ा कर रहे हैं
मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे हैं
~हफ़ीज़ जालंधरी

Jaane is zid ka nateeja...

Jaane is zid ka nateeja kya ho
Maanta dil bhi nahin, tu bhi nahin

◆◆◆ Hafiz taib ●●●

इस भरे शहर में कोई....

اس بھرے شہر میں کوئی ایسا نہیں
جو مجھے راہ چلتے کو پہچان لے
इस भरे शहर में कोई ऐसा नहीं
जो मुझे राह चलते को पहचान ले
#Akhtarul_Iman

Main ne chaha tha ....

Main ne chaha tha ki andoh-e-wafa se chhuTun
Wo sitamgar mere marne pe bhi raazi na hua
#Ghalib

भीगी हुई इक शाम की ....

بھیگی ہوئی اک شام کی دہلیز پہ بیٹھے
ہم دل کے سلگنے کا سبب سوچ رہے ہیں
भीगी हुई इक शाम की दहलीज़ पे बैठे
हम दिल के सुलगने का सबब सोच रहे हैं
#ShakebJalali

Teri anjuman mein zaalim...

Teri anjuman mein zaalim ajab ehtimaam dekha
Kahin zindagi ki baarish kahin qatl-e-aam dekha
~Shakeel Badayuni

रस्ते में लुट गया है..

رستے میں لٹ گیا ہے تو کیا قافلہ تو ہے
یارو نئے سفر کا ابھی حوصلہ تو ہے
रस्ते में लुट गया है तो क्या क़ाफ़िला तो है
यारो नए सफ़र का अभी हौसला तो है
#JameelMalik

Wo duniya thi jahan tum ...

Wo duniya thi jahan tum band karte the zabaan meri
Ye mahshar hai yahan sunni paDegi daastaan meri
~Seemab Akbarabadi

Wednesday, November 1, 2017

Sad Shayari, Roye hai buhat

Roye Hai Buhat Tab Zara Karaar Mila Hai,
Is Jahan Mein Kise Bhala Sacha Pyaar Mila Hai,
Guzar Rahi Hai Zindagi Imtehan Ke Daur Se,
Ek Khatam Hua Toh Dusra Tayar Mila Hai.

रोया हूँ बहुत तब जरा करार मिला है,
इस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला है,
गुजर रही है जिंदगी इम्तिहान के दौर से,
एक ख़तम तो दूसरा तैयार मिला है।

Heart Touching Shayari, Dil main har raaz

Dil Main Har Raaz Daba Kar Rakhte Hain,
Honthon Per Muskurahat Saja Kar Rakhte Hain,
Yeh Duniya Sirf Khushi Mein Sath Dete Hai,
Iss Liye Hum Apne Aansoon Ko Chupa Kar Rakhte Hain.

दिल मैं हर राज़ दबा कर रखते है,
होंटो पर मुस्कराहट सजाकर रखते है,
ये दुनिया सिर्फ़ खुशी मैं साथ देती है,
इसलिए  हम अपने आँसुओ को छुपा कर रखते है!

Sad Shayari, Yah aansu bhi

Yah aansu bhi ek alag pareshani hai,
khushi aur gam dono ki nishani hai,
samajhane wale ke liye to anmol hai,
aur jo na samjh paye unke liye to sirf paani hai।

यह आँसू भी एक अलग परेशानी है,
ख़ुशी और गम दोनो की निशानी है,
समझने वाले के लिए तो अनमोल है,
और जो ना समझ पाए उनके लिए तो सिर्फ़ पानी है।

Heart Touching Shayari, Kisi ne ke khub likha hai

Kisi ne ke khub likha hai:
Kal na hum honge na koi gila hoga,
Sirf simti hui yaadon ka silsila hoga,
Jo lamhe hai chalo haskar bita le,
Jaane kal zindagi ka kya faisla hoga.

किसी ने क्या खूब लिखा है:
कल न हम होंगे न गिला होगा,
सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिललिसा होगा,
जो लम्हे हैं चलो हंसकर बिता लें,
जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा।

Heart Touching Shayari, Jaane kya mujhse

Jaane kya mujhse zamana chahta hai,
mere dil tod kar mujhe hasana chahta hai,
jaane kya baat jhalakti he mere chehre se,
har saks mujhe aazmana chahta hai. 💔

जाने क्या मुझसे ज़माना चाहता है,
मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हसाना चाहता है,
जाने क्या बात झलकती है मेरे इस चेहरे से,
हर शख्स मुझे आज़माना चाहता है! 💔

Hindi Poetry, Khushiyan kam

खुशियाँ कम और अरमान बहुत हैं,
जिसे भी देखो परेशान बहुत है..
करीब से देखा तो निकला रेत का घर,
मगर दूर से इसकी शान बहुत है..
कहते हैं सच का कोई मुकाबला नहीं,
मगर आज झूठ की पहचान बहुत है..
मुश्किल से मिलता है शहर में आदमी,
यूं तो कहने को इन्सान बहुत हैं।।

2 Line Shayari, Na jane kaisa rishta hai

ना जाने कैसा रिश्ता है इस दिल का तुझसे..
धड़कना भूल सकता है पर तेरा नाम नही​।

​​हमारी आरजूओं ने हमें इंसान बना डाला​,
​वरना जब जहां में आये थे बन्दे ​​​थे खुदा के​।

रूठा हुआ है हमसे इस बात पर जमाना ,
की शामिल नहीं है फितरत में हमारी सर झुकाना​।

जिन्हें देखने को तरस गयी थी निगाहे,
उन्हें देखकर बरस पड़ी आज मेरी निगाहें​।

मैं याद तो हूँ उसे, पर ज़रूरत के हिसाब से,
लगता है मेरी हैसियत, कुछ नमक जैसी है​।

प्यार आज भी तुझसे उतना ही हैं,
तुझे अहसास भी नही, और हमने जताना भी छोड़ दिया​।

उन्हें शोक था अखबारों के पन्नो पर बने रहने का,
वक़्त ऐसा गुज़रा की वह रद्दी के भाव बिक गये​।

सफ़र तुम्हारे साथ बहुत छोटा है मगर,
यादगार हो गये तुम अब ज़िंदगी भर के लिए​।

बारिश में रख दूँ जिंदगी को ताकि धुल जाए पन्नो की स्याही, 
ज़िन्दगी फिर से लिखने का मन करता है कभी-कभी​।

जख्म तो आज भी ताजा है बस वो निशान चला गया,
मोहब्बत तो आज भी बेपनाह है बस वो इंसान चला गया​।

2 Line Shayari, Aye maut tere liye

ऐ मौत तेरे लिए क्या बचेगा,
हमें तो जिंदगी ही दफना रही है।

सहारा तो बहुतों का मिला,
पर बेसहारा भी अपनों ने ही किया।

फले फूले कैसे ये गूंगी मोहब्बत,
न वो बोलते हैं न हम बोलते हैं।

साथ बैठने की औकात नहीं थी उसकी,
मैंने सर पर बिठा रखा था जिसे।

नाराज हमेशा खुशियाँ ही होती है,
ग़मों के कभी इतने नखरे नहीं होते।

उनको तो फुर्सत नहीं जरा भी,
दीवारों तुम ही बात कर लो मुझसे।

बस यहीं मोहब्बत अधूरी रह गई मेरी,
मुझे उसकी फ़िक्र रही और उसे दुनिया की।

तेरी नींदों में दखल क्यूँ दे भला,
तेरा सुकून ही मेरा मकसद बन गया है।

बन जाऊँ मैं तेरी अधूरी ख्वाहिश,
तुझे मलाल जो हो मेरा ज़िक्र जब हो।

पलटकर आने लगे है अब तो परिंदें भी,
हमारा सुबह का भुला मगर अभी तक नहीं आया।

2 Line Shayari, Khabar jaha milti hai

ख़बर जहां मिलती है अपने होने की,
हम उस मंजिल पर भी खोए खोए हैं।

गुनाह इश्क़ अगर है तो ग़म नहीं,
वो आदमी ही क्या जो एक भी ख़ता न करे।

लो मैं आखों पे हाथ रखत हूँ,
तुम अचानक कहीं से आजाओ।

लगता है हम ही अकेले हैं समझदार,
हर बात हमें ही समझाई जा रही है।

निगाह-ए-इश्क़ का अजीब ही शौक देखा,
तुम ही को देखा और बेपनाह देखा।

बहुत ज़ोर से हँसे थे हम, बड़ी मुद्दतों के बाद,
आज फ़िर कहा किसी ने, मेरा ऐतबार कीजिये।

किस वास्ते लिक्खा है हथेली पे मेरा नाम,
मैं हर्फ़-ए-ग़लत हूँ तो मिटा क्यूँ नहीं देते।

लाख दिये जला के देख तु अपनी गली में,
रोशनी तो तब होगी जब हम आयेगे।

उसकी हसरत है जिसे दिल से मिटा भी न सकू,
ढूंढ़ने उसीको चल हूँ जिसे कभी पा भी न सकू।

अपनें हाथों मे दुआओं की तरह उठा लूँ तुम को,
जो मिल जाओ तो किसी खज़ाने की तरह सम्भालू तुमको।

2 Line Shayari, Kareeb aane ki khwahishe

करीब आने की ख्वाहिशें तो बहुत थी मगर,
करीब आकर पता चला की मोहब्ब्त फासलों में है।

रोकना मेरी हसरत थी और जाना उसका शौक,
वो शौक पूरा कर गए, मेरी हसरतें तोड़ कर।

फांसला रख के भी क्या हासिल हुआ,
आज भी मैं उसका ही कहलाता हूँ।

सुना है तुम ज़िद्दी बहुत हो,
मुझे भी अपनी जिद्द बना लो।

तुझे बर्बाद कर दूंगी, अभी भी लौट जा वापिस,
मोहब्बत नाम है मेरा, मुझे कातिल भी कहते हैं।

नफ़रत करते तो.. अहमियत बढ़ जाती उनकी,
मैंने.. माफ़ कर के उनको शर्मिंदा कर दिया।

इश्क़ का बीमार तो बड़ा खुशनसीब है,
यारो, की आशिक़ तो ये लाइलाज हे अच्छा है।

गुलों को मिल गई रंगत तुम्हारे सुर्ख गालों से,
सितारों ने चमक पाई तबस्सुम के उजालों से।

वो जिन्हें हमने सोंपी है दिल की सभी धडकनें,
वो अपना एक पल देने को हजार बार सोचते है।

आखिर किस कदर खत्म कर सकते है उनसे रिश्ता,
जिनको सिर्फ महसूस करने से हम दुनिया भूल जाते है।

2 Line Shayari, Lakar tere kareeb

लाकर तेरे करीब मुझे दूर कर दिया,
तकदीर भी मेरे साथ एक चाल चल गई।

कैसे कह दूँ कि बदले में कुछ नहीं मिला,
सबक भी कोई छोटी चीज तो नहीं है।

दिल की बात दिल में रह जाती है हर शाम,
रूठने और मनाने में वक़्त गुजर जाता है।

ऐब भी बहुत हैं मुझमें, और खूबियां भी,
ढूँढने वाले तूं सोच, तुझे चाहिए क्या मुझमें।

बिकने वाले और भी हैं जाओ जाकर खरीद लो,
हम कीमत से नहीं किस्मत से मिला करते हैं।

गर सच्ची हो मोहब्बत तो खत्म होना मुश्किल है,
नशा कितना भी करलो भूलना नामुकिन है।

उसकी रूह में सन्नाटा है और मेरी आवाज़ में चुप्पी
वो अपने अंदाज़ में चुप, मैं अपने अंदाज़ में चुप।

ये जो तुम मुझसे बात नहीं करते,
ये नफरत की निशानी है या प्यार हो जाने का डर।

अब मेरा हाल चाल नहीं पूछते हो तो क्या हुआ,
कल एक एक से पूछोगे की उसे हुआ क्या था।

हाथ थामे रखना, दुनियाँ में भीड़ भारी हैं,
खों ना जाऊ कही मैं, ये जिम्मेदारी तुम्हारी हैं।

2 Line Shayari, Makadi Jaise

मकड़ी जैसे मत उलझो तुम गम के ताने बाने में,
तितली जैसे रंग बिखेरो हँस कर इस ज़माने में।

यूँ ही रिहा नहीं हो सकेंगे जहन से तुम्हारे हम,
बड़ी सिद्दत से तुम्हारे दिल में घर बनाया है।

सम्भालती है सदा तेरी चाहतें मुझको,
मेरी दुआ है कि, तू मुझे भूल ना पाए कभी।

हमारी अफवाह के धुंए वहीं से उठते है,
जहाँ हमारे नाम से आग लग जाती है।

इतना भी गुमान न कर आपनी जीत पर ऐ बेखबर,
शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हैं।

लहरों का सुकून तो सभी को पसंद है, लेकिन..
तुफानो में कश्ती निकालने का मजा ही कुछ और है।

कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,
हज़ारो लोग है मगर फिर भी कोई उस जैसा नहीं।

मौन हो बस सुनें धड़कनों की ज़ुबाँ,
लुत्फ़ क्या है लबों से हुई बात में।

दस्तक और आवाज तो कानो के लिए है,
जिसे रूह जी जाए खामोशी उसे कहते हैं।

वक़्त की तरह तुम भी ना ठहरे मेरी ज़िन्दगी में,
तुम गुज़रते रहे और हम इंतज़ार करते रह गए।

2 Line Shayari, Badalte nahi jazbaat

बदलते नहीं जज़्बात मेरे रोजाना तारीखों की तरह,
बेपनाह इश्क़ करने की ख्वाहिश मेरी आज भी है।

एक तेरा ही नशा है जो शिकस्त दे गया मुझे,
वर्ना मयखाने भी तौबा करते थे मेरी मयकशी से।

नाराजगी चाहे कितनी भी क्यो न हो तुमसे,
तुम्हें छोड़ देने का ख्याल हम आज भी नही रखते।

नाम देने से कौन से रिश्ते सँवर जाते हैं,
जहाँ रूह न बँधे दिल बिखर जाते हैं।

नब्ज टटोलते ही हकीमों ने कहा,
साहब इसने तो इश्क़ पी रखा हैं।

शायरी करने वाले बढ़ते जा रहे है,
ऐ-मोहब्बत लगता है तेरा धंधा जोरो पर है।

एहसास ए करबला तुझे भी हो जाएगा इक दिन,
ए-जान.. तनहा किसी अज़ीज़ की मय्यत उठा के तो देख।

हाल मेरा भी दिन रात कुछ ऐसा है इन दिनों,
वो ज़िन्दगी में आते भी नहीं और ख्यालों से जाते भी नहीं।

ये तेरी हल्की सी नफ़रत और थोड़ा सा इश्क़,
यह तो बता ये मज़ा-ए-इश्क़ है या सज़ा-ए-इश्क़।

सोचा था खुदा के सिवा मुझे कोई बर्बाद नहीं कर सकता,
फिर उनकी मोहब्बत ने मेरे सारे वहम तोड़ दिए।

2 Line Shayari, Waqt ne kaha

वक़्त ने कहा, काश थोड़ा और सब्र होता,
सब्र ने कहा, काश थोड़ा और वक़्त होता।

जिस्म से रूह तक जाए तो हकीकत है इश्क,
और रूह से रूह तक जाए तो इबादत है इश्क़।

शौंक नहीं है मुझे अपने जज़्बातों को यूँ सरेआम लिखने का,
मगर क्या करूँ अब जरिया ही ये है तुझसे बात करने का।

वापस लौट आया है हवाओं का रुख मोड़ने वाला,
दिल में फिर उतर रहा है दिल तोड़ने वाला।

रहने लगा है ऐसा ही मेरा हाल अक्सर,
अब आँखों से बह जाते हैं ख्याल अक्सर।

तमन्ना मचल रही है थोड़ा सा साथ दे दो,
बदले में ले लो सांसे मुझे अपना हाथ दे दो।

मौहब्बत कोई तस्वीर नहीं जनाब जो देख लोगे,
एक एहसास है जो चुपके से दिल में दस्तक देता है।

शायरी नहीं, यह लफज़ो में लिपटे मखमली..
अहसास हैं हमारे सिर्फ उनके लिए जो बेहद खास हैं हमारे।

जिंदगी की रफ्तार बहुत तेज चलती है साहब,
एक दिन कुछ ना लिखो तो लोग भुलने लगते हैं।

मै तो फना हो गया उसकी एक झलक देखकर,
ना जाने हर रोज़ आईने पर क्या गुजरती होगी।

2 Line Shayari, Kanch sa tha to

काँच सा था तो हमेशा तोड़ देते थे मुझे,
अब तोड़ के दिखाओ कि अब पत्थर सा हूँ मैं।

नहीं जो दिल में जगह तो नजर में रहने दो,
मेरी हयात को तुम अपने असर में रहने दो।

इश्क था इश्क, भला कैसे गवारा करते,
ये कोई निकाह नही जो दोबारा करते।

लो इबादत रखा अपने रिश्ते का नाम,
यारा, मुहब्बत को तो लोगों ने बदनाम कर दिया है।

​अदब-ऐ-वफ़ा भी सीखो मोहबत की दरगाह में,
​फकत यूं ही दिल लगाने से, दिलो में घर नहीं बनते​।

तुझमें हमेशा खुदा का अक्स देखा है मैंने,
मेरा इश्क़ तो कब का मुकम्मल हो गया।

मेरी फितरत में नहीं है किसी से नाराज होना,
नाराज वो होते है जिसे खुद पर गुरुर होता है।

आँखों को इंतज़ार का दे कर हुनर चला गया,
चाहा था एक शख़्स को जाने किधर चला गया।

सारी दुनिया के रूठ जाने की परवाह नहीं मुझे,
बस एक तेरा खामोश रहना मुझे तकलीफ देता है।

तेरी मोहब्बत की बाजी को यारा हम मान गए,
खुद तो वादों से बंधे नही हमे ही यादों से बांध गए।

2 Line Shayari, Kisi ko pyar karo

किसी को प्यार करो तो इतना करो की..
बयां करने से पहले उसे भी तुमसे प्यार हो जाए।

मैं, मेरी तन्हाई, मेरा दर्द और तेरी यादें,
हर रात एक ही तकिये पर सोते हैं इकट्ठे होकर।

नाम देने से कौन से रिश्ते सँवर जाते हैं,
जहाँ रूह न बँधे दिल बिखर जाते हैं।

इत्तफ़ाक़ से नहीं मिले हम सब एक दूसरे से,
इस में थोड़ी बहुत साज़िश तो खुदा की भी रही होगी।

टूटे हुए दिल भी धड़कते है उम्र भर,
चाहे किसी की याद में या फिर किसी फ़रियाद में।

अगर पता होता कि इतना तड़पाती है महोब्बत,
तो कसम से दिल लगाने से पहले हाथ जोड़ लेते।

किस्मत के तराज़ू में तोलो,तो फ़कीर हैं हम,
और दर्द-ए-दिल में, हम सा नवाब कोई नहीं।

दिल अधूरी सी कहानियों का अंत ढूंढता रहा,
और वो कोरा पन्ना मुझे देर तक घूरता रहा।

तुझे बर्बाद कर दूंगी, अभी भी लौट जा वापिस,
मोहब्बत नाम है मेरा, मुझे कातिल भी कहते हैं।

हाल मेरा भी दिन रात कुछ ऐसा है इन दिनों,
वो ज़िन्दगी में आते भी नहीं और ख्यालों से जाते भी नहीं।

Kahe koi kis se satana tumhara
Khudai tumhari zamana tumhara
~Siddiq Ahmad Benazeer

Kiya karte the baatein zindagi-

Kiya karte the baatein zindagi-bhar saath dene ki
Magar ye hausla ham mein juda hone se pahle tha

◆●◆ Anwar Shuoor

सुहानी रात में दिलकश नज़ारे ....

سہانی رات میں دل کش نظارے یاد آتے ہیں
نہیں ہو تم مگر وہ چاند تارے یاد آتے ہیں

सुहानी रात में दिलकश नज़ारे याद आते हैं
नहीं हो तुम मगर वो चाँद तारे याद आते हैं.

●● Shaukat Pardesi

Monday, October 30, 2017

चलते रहते हैं कि चलना ....

چلتے رہتے ہیں کہ چلنا ہے مسافر کا نصیب
سوچتے رہتے ہیں کس راہ گزر کے ہم ہیں

चलते रहते हैं कि चलना है मुसाफ़िर का नसीब
सोचते रहते हैं किस राहगुज़र के हम हैं.

Ye na thi hamari qismat...

Ye na thi hamari qismat ki visal-e-yaar hota
Agar aur jeete rahte yahi intizaar hota
#Ghalib

शाम आई तो .....

शाम आई तो बिछड़े हुए हम-सफ़र
आँसुओं से इन आँखों में आते रहे
~वसीम बरेलवी

Le de ke apne paas faqat....

Le de ke apne paas faqat ek nazar to hai
kyun dekhein zindagi ko kisi ki nazar se ham..

हज़ार राह चले फिर वो रहगुज़र ...

ہزار راہ چلے پھر وہ رہ گزر آئی
کہ اک سفر میں رہے اور ہر سفر سے گئے

हज़ार राह चले फिर वो रहगुज़र आई
कि इक सफ़र में रहे और हर सफ़र से गए

Friday, October 27, 2017

वो अफ़्साना जिसे अंजाम तक....

وہ افسانہ جسے انجام تک لانا نہ ہو ممکن
اسے اک خوبصورت موڑ دے کر چھوڑنا اچھا

वो अफ़्साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन
उसे इक ख़ूब-सूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा

#Sahir Ludhianvi

Bhoole hain rafta rafta unhein..

Bhoole hain rafta rafta unhein muddaton mein ham
Qiston mein khud-kushi ka maza ham se poochhiye
~Khumar Barabankavi

Shaam-e-gham yaad hai,

Shaam-e-gham yaad hai, kab shama jali yaad nahin
Kab wo rukhsat huye, kab raat Dhali yaad nahin..

●●◆●◆●● Ahmad Mushtaq

तमाशाई बने रहिए तमाशा..

تماشائی بنے رہیے تماشا دیکھتے رہیے
یہی دنیا ہے تو کب تک یہ دنیا دیکھتے رہیے

तमाशाई बने रहिए तमाशा देखते रहिए
यही दुनिया है तो कब तक ये दुनिया देखते रहिए

◆●◆● Iqbal Ashhar

Hain ab is fikr mein Doobe...

Hain ab is fikr mein Doobe huye ham
Use kaise lage rote huye ham
~Shariq Kaifi

Yaqeen na aaye to ek baat...

Yaqeen na aaye to ek baat poochh kar dekho
Jo hans raha hai wo zakhmon se choor niklega

~Ameer Qazalbash

कहानी लिखते हुए, दास्ताँ सुनाते हुए

کہانی لکھتے ہوئے داستاں سناتے ہوئے
وہ سو گیا ہے مجھے خواب سے جگاتے ہوئے

कहानी लिखते हुए, दास्ताँ सुनाते हुए
वो सो गया है, मुझे ख़्वाब से जगाते हुए

●●● Saleem Kausar

कई पड़ाव थे मंज़िल की राह

کئی پڑاؤ تھے منزل کی راہ میں تابشؔ
مرے نصیب میں لیکن سفر کچھ اور سے تھے.

कई पड़ाव थे मंज़िल की राह में 'ताबिश'
मेरे नसीब में लेकिन सफ़र कुछ और से थे

~~~~~ Tabish Kamal

Thursday, October 19, 2017

aaina kyun na dun ki tamasha kahen jise ....

aaina kyun na dun ki tamasha kahen jise
aisa kahan se laun ki tujh sa kahen jise
hasrat ne la rakha teri bazm-e-KHayal mein
gul-dasta-e-nigah suwaida kahen jise
phunka hai kis ne gosh-e-mohabbat mein ai KHuda
afsun-e-intizar tamanna kahen jise
sar par hujum-e-dard-e-gharibi se Daliye
wo ek musht-e-KHak ki sahra kahen jise
hai chashm-e-tar mein hasrat-e-didar se nihan
shauq-e-inan guseKHta dariya kahen jise
darkar hai shaguftan-e-gul-ha-e-aish ko
subh-e-bahaar pumba-e-mina kahen jise
'ghaalib' bura na man jo waiz bura kahe
aisa bhi koi hai ki sab achchha kahen jise
ya rab hamein to KHwab mein bhi mat dikhaiyo
ye mahshar-e-KHayal ki duniya kahen jise

MIRZA GHALIB